Private स्कूलों के डायरेक्टर्स ने कहा- यह पहल काफी अच्छी है। इसे वे अपने स्कूलों में एकेडमिक काउंसिल से डिस्कस करके लागू करेंगे। इस पहल से स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स के बीच डायरेक्ट कनेक्टिविटी बढ़ेगी। स्कूली बच्चों ने भी सरकार के निर्णय को “राइट चॉइस” बताया है।
कैम्ब्रिज कोर्ट वर्ल्ड स्कूल की Lata के मुताबिक स्कूलों के लिए ‘नो बैग डे’ की पहल सराहनीय है, क्योंकि इससे स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स के बीच सीधी कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
आईआईएस डीन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर Dr. Ashok गुप्ता का कहना है कि ‘नो बैग डे’की पहल का स्वागत करते हैं। सरकारी स्कूलों को इससे एक नई दिशा मिलेगी। बड़ी कक्षाओं के लिए नए सेशन से प्रयोग किया जा सकता है।
टैगोर ग्रुप की सीईओ डॉ. Ruchira सोलंकी ने बताया कि ‘नो बैग डे’ से स्टूडेंट्स को बाकी एक्टिविटीज में भाग लेने का मौका मिलेगा। उस एक दिन में आप लेक्चर, सेशन, टॉक शो, विजिट एक्टिविटीज में बच्चों को शामिल कर सकते हैं।
Jaishree Paidiwal स्कूल की डायरेक्टर ने बताया कि बजट में स्कूलों के लिए आए नियमों से बच्चों पर प्रेशर कम होगा। अगलेे सेशन से हम भी शनिवार को ‘नो बैग डे’ मनाएंगे। पर्सनैलिटी डेवलप करने की यह पहल अच्छी है।
जेएनयू चांसलर डॉ. Sandeep के According, ‘नो बैग डे’ काफी सराहनीय कदम है। यकीनन इससे बच्चों को खेल-खेल में सीखने का मौका मिलेगा। एकेडमिक काउंसिल से डिस्कस करके ‘नो बैग डे’इनिशिएटिव को अगले सत्र से लागू करेंगे।